Saturday, May 2, 2020

रमज़ान मे करने के काम

लेखक। सलमान कबीर नगरी। एटीटर सह माही।मैग्ज़ीन नई रोशनि बरैनियां। सन्त कबीर नगर यूपी

रमजान उल मुबारक सब्र का महिना है और सब्र का सिला जनतंत्र है। यह पवित्र महीना जिसकी अजमत का अन्दाजा नहीं लगाया जा सकता। इस मुकद्दस माह में दान करने भूखे को खाना खिलाने रोजेदार को इफतार कराने से सवाब मिलता है। रमजान उल मुबारक को तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत का है। पैगम्बरे इस्लाम ने कहा है कि अगर लोगों को रमजान की अहमियत व फजीलत का पता चल जाये तो सब लोग यही तमन्ना करें कि काश पुरा साल रमजान हो जाये। रमजान उल मुबारक स्वागत के लिये पुरे साल जनतंत्र को सजाया जाता है। पैगम्बरे इस्लाम ने कहा है कि इस माह में भूखे को खाना खिलायेगा या रोजेदार को इफतार करायेगा तो उसको जमीन भर सोना दान करने का सवाब मेलेगा।रोजादारों को कभी ज़ह्नम की आग ना जला सकेगी। सब से खास बात यह है कि रमजान एक भट्टि तरह है जिस प्रकार भट्टि गंदे लोहे साफ कर मशीन का पुर्जा बना देती है सोने को तपा कर आभुषण बना कर उपयोग के लायक बना देता है। उसी तरह रमजान भी बनादों को गुनाहों से पाक साफ करके जिन्दगी जिने के लाएक बना देता है
लाक टाउन में अपने आस पास के लोगों का खयाल कयना भी सब मुसलमानों की जीम्दारी है। रमजान उल मुबारक में दान करना बहूत अजर का हामील है। दान अल्लाह के गुस्सा को टनंटा करता है। अपनी खुशियों मे से थोड़ी खुशियां गरीब लोगों में बांट दें और उस रमजान में अल्लाह तआला की बे शुमार बरकतैं अपने आमाल नामें में दर्ज करायं
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