Friday, April 17, 2020
खुदा क्या है ?
आज दुनिया का हर व्यक्ति चाहे कीसी भी धर्म का मानने वाला हो, इस प्रश्न का उत्तर अवश्य चाहता है कि, खुदा क्या है? क्या वह मौजूद है? खैर, ये सवाल बहुत स्पष्ट है, और इसका उत्तर भी स्पष्ट है परन्तु उसे मानने का नज़रिया अलग है।
पहला सवाल यह है कि खुदा क्या है?
खुदा वह है जिसकी न प्रारम्भ है और न ही अंत, खुदा वह है जिसका कोई पिता नहीं है, कोई पुत्र नहीं है, खुदा वह है जो वह देखता तो है, लेकिन उसके पास कोई आंख नहीं है, वह सुनता तो है लेकिन उसके कान नहीं, वह हर काम करता तो परन्तु उसका कोई शरीर नही। यहाँ तक कि मनुष्य का दीमाग उसके अस्तितव की कल्पना भी नही तक सकता।
रहा यह प्रश्न कि क्या खुदा मौजूद है?
सबसे पहले, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति खुदा के अस्तित्व से इनकार करता है, तो वह किसी भी तर्क को अस्वीकार कर सकता है, जैसे कि यदि कोई यह मानने से इनकार करता है कि लोग चंद्रमा पर जा चुके हैं, तो आपको उसे कितना ही तर्क देंगे वह अस्वीकार कर देगा।
खैर, यहां कुछ तर्क हैं ।
(1) ब्रह्मांड का अस्तित्व:- खुदा के मौजूद होने का सबसे बड़ा तर्क यह है कि ब्रह्मांड का अस्तित्व है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक छोटी सी चीज अपने आप अस्तित्व में नहीं आ सकती। तो इतना बड़ा ब्रह्मांड अपने आप ही कैसे अस्तित्व मे आ सकता है? पत चला कि कोई तो है जिसने इस ब्रह्मांड की रचना की है, और रचना करने वाला ही खुदा है।
(2) खुदा के अस्तित्व के लिए दूसरा महत्वपूर्ण तर्क यह है कि यह संसार बहुत ही संगठित है और हमने हमेशा देखा है कि बड़ी से बड़ी मशीनें भी बिना दिशा-निर्देश दिए स्वचालित रूप से नहीं चल सकती हैं, यहाँ तक कि डॉ० जॉन वी इटन्साँफ और क्रॉफर्ड बैरी का बनाया हुआ कंप्युटर जिसे
वैज्ञानिक आसान बनाने के लिए वर्षो से काम कर रहे हैं, फिर भी कंप्यूटर हमारे मार्गदर्शन और आदेश के बिना कुछ नहीं करता है। तो यह संसार
बिना किसी आदेश के कैसे चल सकता है? और वह भी पुर्ण अनुशासन के साथ कि हर दिन एक ही दिशा में उगता सूरज, हमेशा चंद्रमा २४ घंटे में ही अपने चक्र को पूरा करते हैं । पता चला कि कोई तो है जो पूर्ण अनुशासन के साथ इस महान ब्रह्मांड को चला रहा है, और निश्चित रूप से वही खुदा है । खुदा के अस्तित्व पर कई अन्य तर्क,वितर्क दिए जा सकते हैं। परन्तु मानने वाले के लिए यही दो काफी हैं और ना मानने वाले के लिए हज़ारो नही लाखों भी कम हैं।
पहला सवाल यह है कि खुदा क्या है?
खुदा वह है जिसकी न प्रारम्भ है और न ही अंत, खुदा वह है जिसका कोई पिता नहीं है, कोई पुत्र नहीं है, खुदा वह है जो वह देखता तो है, लेकिन उसके पास कोई आंख नहीं है, वह सुनता तो है लेकिन उसके कान नहीं, वह हर काम करता तो परन्तु उसका कोई शरीर नही। यहाँ तक कि मनुष्य का दीमाग उसके अस्तितव की कल्पना भी नही तक सकता।
रहा यह प्रश्न कि क्या खुदा मौजूद है?
सबसे पहले, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति खुदा के अस्तित्व से इनकार करता है, तो वह किसी भी तर्क को अस्वीकार कर सकता है, जैसे कि यदि कोई यह मानने से इनकार करता है कि लोग चंद्रमा पर जा चुके हैं, तो आपको उसे कितना ही तर्क देंगे वह अस्वीकार कर देगा।
खैर, यहां कुछ तर्क हैं ।
(1) ब्रह्मांड का अस्तित्व:- खुदा के मौजूद होने का सबसे बड़ा तर्क यह है कि ब्रह्मांड का अस्तित्व है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक छोटी सी चीज अपने आप अस्तित्व में नहीं आ सकती। तो इतना बड़ा ब्रह्मांड अपने आप ही कैसे अस्तित्व मे आ सकता है? पत चला कि कोई तो है जिसने इस ब्रह्मांड की रचना की है, और रचना करने वाला ही खुदा है।
(2) खुदा के अस्तित्व के लिए दूसरा महत्वपूर्ण तर्क यह है कि यह संसार बहुत ही संगठित है और हमने हमेशा देखा है कि बड़ी से बड़ी मशीनें भी बिना दिशा-निर्देश दिए स्वचालित रूप से नहीं चल सकती हैं, यहाँ तक कि डॉ० जॉन वी इटन्साँफ और क्रॉफर्ड बैरी का बनाया हुआ कंप्युटर जिसे
वैज्ञानिक आसान बनाने के लिए वर्षो से काम कर रहे हैं, फिर भी कंप्यूटर हमारे मार्गदर्शन और आदेश के बिना कुछ नहीं करता है। तो यह संसार
बिना किसी आदेश के कैसे चल सकता है? और वह भी पुर्ण अनुशासन के साथ कि हर दिन एक ही दिशा में उगता सूरज, हमेशा चंद्रमा २४ घंटे में ही अपने चक्र को पूरा करते हैं । पता चला कि कोई तो है जो पूर्ण अनुशासन के साथ इस महान ब्रह्मांड को चला रहा है, और निश्चित रूप से वही खुदा है । खुदा के अस्तित्व पर कई अन्य तर्क,वितर्क दिए जा सकते हैं। परन्तु मानने वाले के लिए यही दो काफी हैं और ना मानने वाले के लिए हज़ारो नही लाखों भी कम हैं।
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